Dard Shairy In Hindi













कहां कोई मिला जिस पर दुनिया लुटा देते हर एक ने दिया धोखा किसको भुला देते 
दिल का दर्द तो दिल में दवाई रखा जो करते बयान तो महफिल को रूला देते


रात ढल गई सितारे भी चले गए 
गैरों से क्या गिला करते जब अपने ही छोड़कर मुझे चले गए 
इश्क की बाजी हम भी जी सकते थे पर उन को जिताने के लिए हम हारते चले गए


काश कि तुमने हमें आवाज दी होती और हम मौत की कब्र से भी उठकर चले आते हैं


कौन कहता है कि प्यार सच्चा होता है अरे यार छोड़ो ना पहले मकान कच्चे थे 
तो इंसान सच्चे थे अब मकान पक्के हो गए हैं बेवफा लोगों की कमी नहीं है इस दुनिया में

खुद को खो दिया हमने अपनों को पाते पाते और लोग पूछते हैं तकलीफ तो नहीं हुई
एक ही थी इस दुनिया में मुझे समझने वाली अब वह भी समझदार हो गई है

बदल जाते हैं वक्त से पहले वह लोग
 जिन्हें वक्त से पहले ज्यादा वक्त दे दिया जाता है


मेरे अकेलेपन का शौक ना समझो यारो 
बड़े ही प्यार से तोहफा दिया था आप मेरे चाहने वालों ने


मत इंतज़ार कराओ हमे इतना कि वक़्त के फैसले पर अफ़सोस हो जाए
 क्या पता कल तक तुम लौटकर आओ और हम खामोश हो जाएं


ख्वाहिश तो किसी से थी ही नहीं दिल लगाने की 
पर किस्मत में दर्द लिखा तो मोहब्बत तो हो ही गई


तमन्ना तो मेरी भी थी कि कोई मुझे टूटकर चाहे पर ऐसा हुआ 
कि जो मुझे चाहता रहा हम उन्हीं की यादों में एक दिन टूट कर बिखर गए


जिंदगी हमारी एक सितम सी हो गई 
खुशियां ना जाने कहां दफन हो गई 
लिखी जब खुदा ने हमारी जिंदगी में खुशी तो उसकी स्याही ही खत्म हो गई


ए बेवफा हम मेरी मोहब्बत का सफर आखरी है 
यह मेरा शोहरत और नाम यह मेरा ग़ज़ल आखरी है 
फिर नहीं मिलूंगा कभी तुम्हें चाहे तो ढूंढ लेना क्योंकि यह मेरी बात आखरी है


यह पत्थर की दुनिया मेरी जज्बात नहीं समझती 
दिल में मेरे क्या है वह बेवफा मेरी बात नहीं समझती 
तंहा तो चांद भी है सितारों के बिना लेकिन चांद का दर्द वो रात नहीं समझती



उसके चले जाने के बाद मैंने मोहब्बत करनी छोड़ दी 
और ना ही किसी से मोहब्बत करेंगे क्योंकि 
अब जिंदगी छोटी सी हो गई है किस किस को आजमाते रहेंगे


बहुत उदास हूं मैं आज तेरे जाने से आजा लौट आ किसी बहाने से 
तू लाख खफा सही मुझसे मगर आकर देख कोई टूट कर बिखर गया है तेरे जाने से


बर्बाद होने के बहुत सारे रास्ते थे 
ना जाने मेरे मन में क्या ख्याल आया मोहब्बत कर बैठा


तुझे हक है खुश रहने का तू खुश रहना
 मेरा क्या मेरी खुशी तो तुझसे थी और तू भी चली गई


अगर तुम जाने ही लगी हो तो कभी पीछे मुड़कर मत देखना 
क्योंकि जज फांसी सुनाने के बाद कलम तोड़ देता है



कुछ तो बात होगी ताजमहल में वरना 
एक प्यार के लिए ताजमहल कौन बनवाया था



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